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श्रद्धा हत्याकांड: अदालत की मीडिया हाउस को हिदायत, न करें चार्जशीट प्रकाशित,नहीं करें टेलीकास्ट

श्रद्धा मर्ड केस में चैनलों को अदालत की हिदायत

दिल्ली की साकेत अदालत ने सोमवार को एक चैनल और अन्य चैनलों के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक याचिका पर एक आदेश जारी करते हुए उन्हें श्रद्धा मामले में डिजिटल साक्ष्य सहित चार्जशीट की सामग्री का प्रसारित करने से रोकने का आदेश दिया।पुलिस ने इसे हत्या का मामला बताते हुए कहा था कि यह कोई “सार्वजनिक दस्तावेज़” नहीं है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) राकेश कुमार सिंह ने चैनल के ख़िलाफ़ एक निरोधक आदेश जारी किया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तारीख़ तय कर दी। कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों को विस्तृत सुनवाई की जायेगी। विशेष सरकारी वकील (एसपीपी) अमित प्रसाद ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पहले विश्वसनीय सूचना को लेकर अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था कि मीडिया हाउसों में से एक ने नार्को टेस्ट और प्रैक्टो ऐप से सम्बन्धित ऑडियो-वीडियो सबूतों को हासिल कर लिया है।

डीसीपी पीआरओ की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया था,”यह पता चला है कि कुछ मीडिया चैनल एक ऐसे ऑडियो-वीडियो साक्ष्य को प्रसारित करने वाले हैं, जो श्रद्धा वाकर हत्याकांड में दायर चार्जशीट का एक अभिन्न हिस्सा है। इस तरह के प्रसारण से न्याय के उद्देश्य को अपूरणीय क्षति पहुंच सकती है। यह संवेदनशील मामला इस समय सक्षम अदालत के सामने है।”
यह मामला 18 मई 2022 को लिव-इन पार्टनर आफ़ताब अमीन पूनावाला द्वारा श्रद्धा वाकर की कथित हत्या से जुड़ा है।
इससे पहले 6 अप्रैल को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने निचली अदालतों में वकीलों की हड़ताल के मद्देनज़र श्रद्धा वाकर हत्या मामले में आरोपी आफ़ताब पूनावाला के ख़िलाफ़ आरोपों पर सुनवाई स्थगित कर दी थी।
आफ़ताब को कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई की अगली तारीख़ 14 अप्रैल है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) मनीषा खुराना कक्कड़ ने यह देखते हुए कि वकील अनुपस्थित रहने के कारण पेश नहीं हो रहे हैं, मामले को स्थगित कर दिया।
बचाव पक्ष के वकील को आरोप के बिंदु पर बहस करनी है।
द्वारका क्षेत्र में अधिवक्ता वीरेंद्र नरवाल की कथित हत्या के विरोध में गुरुवार को भी अधिवक्ता कार्य से अनुपस्थित रहे थे।