अगर आप यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे है तो ये ये खबर आपके लिए है। सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में अपना अंतिम अवसर गवां चुके अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार एक और मौका दे रही है। दरअसल, केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को जानकारी दी है कि वो कोरोना महामारी की वजह से सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में अपना अंतिम अवसर गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर प्रदान करेंगे। ये जानकारी सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की पीठ को दी गई।
कोरोना महामारी के बीच अक्टूबर 2020 में यूपीएससी द्वारा आयोजित की गई सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में कई अभ्यर्थी किसी कारणों की वजह से हिस्सा नहीं ले पाए थे। उम्र सीमा से ज्यादा आयु हो जाने की वजह से, इनमें से कुछ अभ्यर्थियों के पास ये आखिरी मौका था। ऐसे में केंद्र इन अभ्यर्थियों को एक और मौका देने जा रही है। केंद्र के इस फैसले का फायदा 10 हजार 336 अभ्यर्थियों को मिलेगा। इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग के बैठक में फैसला लिया।
आपको बता दें कि ये सुनवाई सिविल सेवा अभ्यर्थी रचना सिंह द्वारा दायर याचिका पर की गई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का जिक्र किया था कि यूपीएससी द्वारा 4 अक्टूबर 2020 को आयोजित की गई सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने वाले 3,863 अभ्यर्थियों की उम्र सीमा समाप्त नहीं हुई है। वहीं 2,263 अभ्यर्थी ऐसे थे जिनकी उम्र सीमा 2021 में खत्म हो गई है। जिन अभ्यर्थियों के पास ये आखिरी मौका था और वो किन्हीं कारणों की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे, उनकी संख्या 4,237 है। 10,336 अभ्यर्थियों को दूसरे अवसर की जरुरत है।