इस वक्त देश के कई राज्यों में लाउडस्पीकर विवाद गहराया हुआ है। कहीं मस्जिदों में लाउडस्पीकर के तेज आवाज के चलते विवाद हो रहा है तो कहीं हिंदू संगठन भी इसके बाद तेज आवाज में लाउडस्पीकर पर भजन-किर्तन कर रहे हैं। माहाराष्ट्र में तो यह मुद्द इतना ज्यादा गरमाया हुआ है कि वहां को दो सांसद को उद्धव ठाकरे ने जेल में डलवा दिया है। दरअसल, निमरत राणा ने कहा था कि, वो मातोश्री के बाहर हनुमान चालिसा का पाठ करेंगी जिसके बाद ठाकरे सरकार ने उन्हें और उनके पति को जेल में डलवा दिया। यह मामला उत्तर प्रदेश में भी गरमाया हुआ है। जिसपर योगी सरकार ने फैसला सुनाया है।
योगी सरकार ने यूपी में मंदिर-मस्जिद सहित सभी धर्मस्थलों पर तय मानकों के मुताबिक लाउडस्पीकर को कम आवाज में बजाने को कहा है। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर इन्हें उतारने का आदेश दिया है। राज्य में अब तक 100 से अधिक लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं, जबकि हजारों की आवाज कम हो चुकी है। सरकार ने ऐसे धर्मस्थलों की थानावार सूची बनाने का आदेश दिया है, जहां ध्वनि सीमा के मानकों का पालन नहीं हो रहा है। दरअसल, पिछले दिनों रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा और तनावपूर्ण घटनाओं को देखते हुए योगी सरकार तुरंत सतर्क हो गई थी। देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कई जिले इस मामले में काफी संवेदनशील माने जाते हैं। इसे मद्देनज़र रखते हुए सीएम योगी ने त्योहारों पर शांति बनाए रखने के लिए सभी पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां 4 मई तक रद्द कर दीं। इसके साथ ही किसी भी धार्मिक जुलूस या शोभायात्रा के लिए आयोजक से शपथ पत्र लेने और धार्मिक स्थलों पर नियमों का पालन कराए जाने के आदेश दिए।
योगी सरकार ने न सिर्फ मंदिर बल्की सभी धार्मिक स्थलों को चेतावनी दी है। उन्होंने धार्मिक स्थलों पर चाहे वे मंदिर हों, मस्जिद हों या फिर किसी अन्य धर्म-समुदाय के स्थल, लाउडस्पीकरों के प्रयोग के लिए गाइडलाइन जारी कर दी। नई गाइडलाइन के मुताबिक धर्मस्थल पर बजने वाले लाउडस्पीकर की आवाज उस स्थल के परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। देश के अलग-अलग हिस्सों में विवाद के बाद यूपी में की गई जांच-पड़ताल में पाया गया था कि कई धर्मस्थलों में निर्धारित मानक का उल्लंघन करते हुए अधिक संख्या में लाउडस्पीकर बजाए जा रहे हैं।