महामारी के बीच म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस ने भी लोगों के बीच आतंक मचाया हुआ है। ब्लैक फंगस के लगातार तेजी से मामले बढ़ रहे है। ये एक तरह की फंफूदी है, जो कैंसर की जितनी घातक है। सरकार और स्वास्थ्य संगठन इस प्रकोप को रोकने की दिशा में काम कर रहे है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है कि म्यूकोरमाइकोसिस के कारण होने वाली मृत्यु दर 50 से 60 फीसदी के बीच हो सकती है, ऐसे में इस संक्रमण को लेकर लोगों को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
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इसको लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एक ट्वीट के जरिए लोगों को इस घातक संक्रमण के बारे में जागरूक किया। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लोगों में जागरूकता और शीघ्र निदान से इस फंगल संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। ब्लैक फंगस संक्रमण का असर शरीर के कई अंगों पर देखा जा सकता है। इसमें प्रमुख रूप से आंखों और नाक के आसपास दर्द और लाल होना, बुखार-सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ और कुछ लोगों को उल्टी के साथ खून आने की समस्या हो सकती है।
#Mucormycosis, commonly known as '#BlackFungus' has been observed in a number of #COVID19 patients recently.
Awareness & early diagnosis can help curb the spread of the fungal infection. Here's how to detect & manage it #IndiaFightsCorona @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/lC6iSNOxGF
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 14, 2021
इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी के अनुसार, हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करें। कोविड-19 से ठीक होने के बाद और सभी डायबिटिक रोगियों को अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच करते रहना चाहिए। स्टेरॉयड का प्रयोग न करें।ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडिफ़ायर के लिए स्वच्छ और जीवाणुरहित पानी का ही उपयोग करें।