भगवान शिव का लोकप्रिय सावन का माह चल रहा है। आज सावन का पहले सोमवार है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक सावन से चंद्रमा का भी खास कनेक्शन हैं। हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक, चंद्रमा ने कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव से वरदान मांगा था। वरदान में उन्होंने सावन का पूरा महीना अपने नाम से मांग लिया था। जिसके बाद से ही सावन का सोमवार कहा जाने लगा सोम का मतलब चंद्रमा होता है। चंद्रमा को लेकर साध्वी गिताम्बा तीर्थ ने एक कथा सुनाई।
साध्वी गिताम्बा तीर्थ की मुताबिक, राजा दक्ष के 27 कन्या थी। 27 कन्याओं की शादी राजा दक्ष ने चंद्रमा से की थी, लेकिन चंद्रमा 27 पत्नियों को ना चाह कर अकेले रोहिणी से प्रेम करते थे। जिसके बाद राजा दक्ष ने चन्द्र को श्राप दे दिया। श्राप से चंद्रमा को क्षय रोग हो गया, इस रोग को आज के समय में टीबी कहते है। राजा दक्ष ने चंद्रमा को ये भी श्राप दिया था कि सामान्य मनुष्य की तरह तुम भी पृथ्वी पर भ्रमण करोगे। जिसके बाद चंद्रमा ने सौराष्ट्र यानी गुजरात आकर भगवान शिव की तपस्या शुरू कर दी।
भगवान शिव चंद्रमा की तपस्या से प्रसन्न हो कर सावन की सोमवार को प्रकट हुए और उन्होंने चंद्रमा से पूछा कि तुम्हें क्या चाहिए फिर चंद्रमा ने वरदान मांगा कि मैं चाहता हूं कि सावन का पूरा महीना मेरे नाम से हो। तभी से सावन का सोमवार कहा जाने लगा सोम मतलब चंद्रमा होता है। सावन के सोमवार व्रत की विधि बाकी सोमवार के व्रत जैसी ही होती है। इस बार सावन माह 25 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो श्रावणी पूर्णिमा यानी 22 अगस्त को समाप्त होगा।