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Sawan 2021: सावन की पूजा में भगवान शिव को नहीं पसंद ये 5 चीजें, अर्पित करने पर भोलेनाथ हो जाते है क्रोधित, घर में आती है कंगाली

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आज सावन का पहला सोमवार है। सावन का माह भगवान शिव को अत्यंत लोकप्रिय है। मान्यता है कि इस माह भगवान शिव और माता पार्वती भ्रमण के लिए आते हैं। ऐसे में भगवान शिव के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए विधि पूर्वक पूजा करते है। जिसने प्रसन्न होकर भोलेनाथ अपनी कृपा दृष्टि उनपर बरसाते है। सावन माह के कुछ नियम भी होते है, जिनका उल्लंघन करने पर कृपा बरसाने वाले शिव शंकर क्रोधित भी हो जाते है। इस लिए उनकी पूजा के समय कुछ सावधानियां बरतें। पूजा में कई चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनसे भगवान शिव नाराज हो जाते हैं।

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गुड़हल का फूल- हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को वैरागी कहा जाता है। चूंकि गुड़हल का फूल लाल रंग का होता है, जो भाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए भगवान शिव को गुड़हल का फूल भूलकर भी न चढ़ाएं।

तुलसी पत्र- भगवान शिव ने जलंधर का वध किया था जो कि तुलसी के वृंदा रूप में पति थे। भगवान विष्णु ने वृंदा के तुलसी रूप को लक्ष्मी की तरह प्रिय होने का वरदान दिया था। इस लिए भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग बिल्कुल न करें।

लाल चंदन- लाल चंदन को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। वैरागी भगवान शिव की पूजा में लाल चंदन अर्पित नहीं किया जाना चाहिए।

तिल- मान्यता है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से पैदा हुआ था। इसलिए इसे भगवान शिव की पूजा में तिल को नहीं चढ़ाया जाता।

शंख से जलाभिषेक- शिवपुराण के अनुसार, महादेव ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था। इसलिए शंख से जलाभिषेक न करें।