Hindi News

indianarrative

Surya grahan:सूर्य ग्रहण का सूतक काल हुआ शुरू,इन चीज़ों को करने से बचे

Surya Grahan 2022 Today

Surya grahan 2022:आज 25 अक्टूबर 2022 को साल का आखिरी सर्यूग्रहण लग रहा है। सूर्यग्रहण का सूतक 24 व 25 की रात 2:30 बजे शुरू हो गया है। सूर्य ग्रहण के सूतक काल में कई कामों को करने की मनाही होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान किसी प्रकार की पूजा नहीं होती है। मंदिरों के पट बंद हो जाते हैं। सूर्यग्रहण शाम 4:40 बजे शुरू होगा और 5:24 बजे तक रहेगा। आज सूर्यग्रहण (Surya grahan) होने के कारण गोवर्धन पूजा का पर्व 26 को और यम द्वितीया 27 को मनाई जाएगी।

तो आइये अब आपको आगे बताते हैं सूतक एवं ग्रहणकाल में क्या नहीं करें ? किसी भी ग्रहण के सूतक के समय भगवान की मूर्ति का स्पर्श करना निषिद्ध माना गया है। व्यक्ति को, खाना-पीना, सोना, नाख़ून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना, बाल काटना अथवा कटवाना, निद्रा मैथुन आदि कार्य बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए।

सूतक काल और ग्रहणकाल में नहीं करें ये काम

-सूतक काल में सभी मंदिरों के पट बंद हो गए हैं। ऐसे में कोई दार्मिक कार्य नहीं किया जा सकता है। ग्रहण (Surya grahan) काल में भोजन अशुद्ध हो जाता है। इस कारण ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से आप अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकते है।

-ग्रहण या सूतक से पहले ही यदि सभी खाने वाले पदार्थ यथा दूध ,दही ,चटनी ,आचार आदि में कुश रख देते है। तो यह भोजन दूषित नहीं होता है और आप पुनः इसको उपयोग में ला सकते है। अगर कुशा नहीं है तो तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं । परन्तु घर में जो सूखे खाद्य पदार्थ हैं उनमें कुशा अथवा तुलसी पत्ता डालना आवश्यक नहीं है। सूतक एवं ग्रहण काल में झूठ बोलना, छल-कपट, बेकार का वार्तालाप करना और मल- मूत्र विसर्जन आदि से परहेज करना चाहिए।

ये भी पढ़े: इन तीन राशि के लोगों पर पड़ेगा सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव,पढ़े आज का राशिफल

-इसके अलावा अर्थात मन-माने आचरण करने से मानसिक तथा बौद्धिक विकार के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का भी क्षय होता है। अत: ग्रहणकाल में शरीर, मन, बुद्धि, वचन तथा कर्म से सावधान रहना चाहिए।

-ग्रहण (Surya grahan) के सूतक के समय बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिला, एवं रोगी को यथानुकूल खाना अथवा दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है। गर्भवती महिलाएं पेट पर गोबर का लेप कर लें ,चाकू , सुई , इत्यादि से कोई कार्य न करे। सम्भव हो तो टहलें, सोये नही तो अच्छा रहेगा।

– ग्रहण के कारण देशभर के विभिन्न मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। इनमें केदार नाथ मंदिर से लेकर पुरी जग्ननाथ मंदिर शामिल हैं। अब ग्रहण समाप्त होने के बाद ही धुलाई के बाद ही मंदिरों के कपाट खुलेंगे।दीपावली के अगले दिन सूर्यग्रहण के चलते सभी मंदिर बंद रहे।