एलियंस के अस्तित्व को लेकर साइंटिस्ट लगातार खोज कर रहे है। इस कड़ी में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी समय-समय पर यूएफओ और दूसरे ग्रह के प्राणियों को लेकर कई खुलासे करते आए है। नासा अब अपने इस मिशन में कुछ पुजारियों और पादरियों को शामिल करने जा रहा है। ये पुजारी एलियंस के साथ मानवता को संपर्क के लिए तैयार करेंगे।
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दरअसल, नासा ने एक प्लान बनाया है जिसके तहत 24 धर्मशास्त्रियों की मदद ली जाएगी। स्पेस एजेंसी यह पता लगाना चाहती है कि दुनिया के विभिन्न धर्म दूसरे ग्रह पर जीवन मिलने की खबरों पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे। ब्रिटिश पादरी डॉ एंड्रयू डेविसन भी उनमें से एक हैं। नासा पृथ्वी के बाहर जीवन को खोजने के अपने प्रयासों में प्रगति के तहत धार्मिक विशेषज्ञों का नियुक्त कर रही है। किसी अन्य ग्रह पर जीवन की खोज भगवान और जीवन की उत्पत्ति के बारे में सोच को कैसे प्रभावित कर सकती है? नासा इस सवाल का जवाब ढूंढ़ रही है।
वैज्ञैनिकों के मुताबिक, दुनिया के बाहर जीवन मिलने की संभावना ज्यादा से ज्यादा है। एलियंस को लेकर हाल ही में मैक्सिको की एक जनजाति ने दावा किया। जिसके मुताबिक, अमेरिकी सैन्य अड्डे के पास रहने के अपने 'दर्दनाक अनुभव' को बयां किया है। लोगों का दावा है कि इस बेस पर एलियंस आते-जाते रहते हैं। दावा है कि एलियंस स्थानीय लोगों की गायों को अगवा कर उनके अंगों को काट देते हैं। ये लोग यहां करीब 60 साल से रह रहे हैं और अब परेशान हो चुके हैं। इनका कहना है कि अक्सर इन्होंने पहाड़ के आसपास यूएफओ को देखा है, जिसे 'डल्स बेस' का केंद्र माना जाता है। यह न्यू मैक्सिको में डल्स शहर के पास मौजूद है।