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सूर्य की सतह पर दिखा सांप?झट से पहुंचा एक से दूसरे कोने,सामने आया अद्भुत नजारा

Solar snake spotted slithering across Sun

Solar Snake: सूरज पर सांप की आकृति भागती हुई नजर आये तो आपको कैसा लगेगा। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के कैमरों ने ऐसे ही दृश्य कैद किए हैं। लेकिन, सूरज की सतह पर सांप की तरह भागने वाली यह आकृति बहुत ही तेज गति से भागती नजर आ रही है। यह स्पीड 170 किलोमीटर प्रति सेकेंड है। इसी आकृति को ‘सोलर स्नेक’ कहा जा रहा है। आइए जानते हैं कि यह क्या चीज और सूर्य की सतह पर इस तरह की आकृति के प्रकट होने का मतलब क्या है और क्या इसका हमारी पृथ्वी से भी कोई कनेक्शन है ?

सूरज पर भागता नजर आया ‘सांप’

सूरज ने पिछले कुछ समय में अपना बहुत ही विकराल रूप दिखाया है। अक्टूबर में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA)  ने दिखाया था कि सूरज किस तरह से मुस्कुराता हुआ नजर आ रहा है; और अब यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें सूरज की धधकती सतह पर ‘सांप’ बहुत ही तेज रफ्तार से भागता हुआ नजर आ रहा है। सूरज की सतह पर हुई इस दुर्लभ प्राकृतिक घटना के वीडियो को सोलर ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट ने अपने कैमरों के माध्यम से कैद कर लिया है।

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अंतरिक्ष में इस घटना को 5 सितंबर को देखा गया था जब सोलर ऑर्बिटर 12 अक्टूबर को करीब से उड़ान भरने के लिए सूर्य की तरफ बढ़ रहा था। सूर्य की सतह पर इस तरह का नजारा पहली बार देखा गया है। खगोलविदों के लिए सोलर स्नेक की घटना और अधिक दिलचस्प इसलिए हो गई क्योंकि यह सूर्य पर एक बड़े विस्फोट से ठीक पहले हुई। इसकी शुरुआत एक सौर सक्रिय क्षेत्र से हुई जो बाद में विस्फोट हो गया जिससे अरबों टन प्लाज्मा अंतरिक्ष में बाहर निकला।

105,000 किमी प्रति घंटे थी रफ्तार

यूरोपीय स्पेस एजेंसी के ऑर्बिटर को 4.2 करोड़ किमी दूर से सूर्य पर नजर रखने के लिए फरवरी 2020 में लॉन्च किया गया था। ESA की ओर से जारी वीडियो में सोलर स्नेक पलक झपकते ही एक से दूसरे कोने तक पहुंच जाती है। इस दौरान इसकी रफ्तार 105,000 किमी प्रति घंटे थी। इसके बावजूद गैसों को अपना सफर पूरा करने में 3 घंटे का समय लगा। मुड़े हुए चुंबकीय क्षेत्र से गैसों के गुजरने के चलते यह दूर से दिखने में सांप जैसा प्रतीत हो रहा था।

Solar Snake क्या है?

सूरज के अत्यधिक तापमान का मतलब है कि इसके वायुमंडल में मौजूद सभी गैस प्लाज्मा के रूप में है, यानि किसी पदार्थ की अतितापित अवस्था। यह सोलर स्नेक अवस्था (सूरज पर सांप के रेंगने जैसा दृश्य) सूर्य के अदृश्य चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा के बीच पारस्परिक प्रभाव की वजह से पैदा हुआ है। यानि सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र की रेखा के साथ आपसी प्रक्रिया की वजह से प्लाज्मा ने वह रूप धारण किया था। सोमवार को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा है, ‘सांप के रूप में प्लाज्मा सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में एक लंबे फिलामेंट की तरह कार्य कर कर रहा है, जो सूर्य के एक तरफ से दूसरी तरफ तक पहुंच रहा है।’