भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने पूरी दुनिया में खेल के दम पर अपनी धाक जमाई है। सानिया 6 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता रह चुकी है। लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब सानिया ने टेनिस को लेकर हार मान ली थी। वो बुरी तरह टूट चुकीं थी। उन्हें लग रहा था कि वो अब कभी भी टेनिस नहीं खेल पाएंगी। जिसके चलते वो डिप्रेशन में चली गई। यूट्यूब चैनल माइंड मैटर्स को दिए एक इंटरव्यू में सानिया मिर्जा ने अपनी जिंदगी का पुराना राज खोला।
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सानिया मिर्जा ने बताया कि कलाई की चोट के कारण मैं बीजिंग ओलंपिक 2008 से बाहर हो गई थी। ये मेरे लिए किसी सदमे से नहीं था। मैं करीब 3-4 महीने तक डिप्रेशन में थी। मैं बिल्कुल ठीक हुआ करती थी और फिर मेरे आंखों में आंसू आ जाते थे। मुझे याद है कि करीब महीने भर मैं मेरे कमरे से बाहर भी नहीं निकली थी, यहां तक कि खाना खाने के लिए भी नहीं.. इस चोट के कारण मुझे करीब सालभर कोर्ट से दूर रहना पड़ा था। मुझे उस समय लगा कि मैं अब कभी टेनिस नहीं खेल पाउंगी।'
सानिया ने आगे कहा उस समय 20 साल की एक खिलाड़ी के लिए ये बहुत बड़ा झटका था। मेरी चोट गंभीर थी और मैं वापसी करना संभव होता नहीं दिख रहा था। मैं पूरी तरह से टूट गई थी। इसके बाद मेरी सर्जरी हुई। उस समय मुझे इसीलिए और बुरा लगा, क्योंकि उस वक्त मुझे महसूस हो रहा था कि मैंने परिवार को नीचा दिखाया। मैंने देश का मान गिराया है, क्योंकि मैं ओलंपिक से बाहर हो गई हूं, लेकिन मेरे परिवार ने मुझे सही दिशा में पहुंचने में मदद की। मैं उससे एक साल बाद वापस आई। मैं 6-8 महीने तक टेनिस नहीं खेली। उसके बाद मैंने वापसी की और उस साल भारत में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में मैंने दो पदक जीते।'