Hindi News

indianarrative

Afghanistan का गृह मंत्री बना 38 करोड़ का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी, जानें कौन हैं ये?

courtesy google

अफगानिस्तान में कब्जे के बाद तालिबान ने अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया है। अपने इस सरकार में तालिबान ने खूंखार आतंकियों जगह दी हैं। जिनहें प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक बनाया गया है। यूएन की आतंकियों की लिस्ट में शामिल मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। मुल्ला बरादर को डिप्टी पीएम बनाया गया हैं जबकि अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया गया है। तालिबान के इस सरकार के बनने के बाद लोग अब इस बात पर चिंता कर रहे हैं कि अफगानिस्तान के रिश्ते भारत के साथ कैसे होंगे।  

यह भी पढ़ें- ये 4 राशि वाले लोग सभी राशि वाले लोगों पर रहते हैं हावी, बेहद आर्कषक होता हैं स्वभाव

अफगानिस्तान के नए नवेले गृहमंत्री बने सिराजुद्दीन हक्कानी भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता हैं। उसके दुश्मनों की लिस्ट में भारत नंबर वन पर हैं। इसके बाद अन्य देश हैं। इस लिस्ट में अमेरिका भी शामिल हैं, क्योंकि अमेरिका ने उस पर 5 मिलियन डॉलर यानी करीब 38 करोड़ रुपये का इनाम भी रखा हुआ है। बताया जा रहा हैं कि वो अफगानिस्तान के रक्षामंत्री बनने के सपने देख रहा था। इस पद को पाने के लिए उसकी कई मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब और तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से झड़प भी हुई।

यह भी पढ़ें- सितंबर ही नहीं अक्टूबर में भी इन राशि वाले लोगों की होगी बल्ले-बल्ले,  करियर में मिलेगी सफलता, प्रॉपर्टी में होगा इजाफा

बातचीत के बाद वो अफगानिस्तान के गृह मंत्री पद के लिए मान गया। चलिए आपको बताते हैं कि सिराजुद्दीन हक्कानी कौन हैं।  सिराजुद्दीन हक्कानी का नाता पाकिस्तान के नॉर्थ वजीरिस्तान इलाके से है। उसके आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के अल-कायदा से भी करीबी संबंध रहे हैं। उसने पाकिस्तान में रहकर अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले कराए थे। इनमें अमेरिका और नाटो सेनाओं को निशाना बनाया गया था। इसके अलावा 2008 में हामिद करजई की हत्या की साजिश रचने के मामले में भी सिराजुद्दीन हक्कानी शामिल रहा है।

इसके अलावा, एक और नाम पर भी काफी चर्चा हो रही हैं। वो अब्दुल बाकी हक्कानी, तालिबान ने अब्दुल बाकी हक्कानी को शिक्षा मंत्री का पद दिया हैं। अब्दुल बाकी हक्कानी भी एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है और संयुक्त राष्ट्र ने उसे 2001 से ब्लैक लिस्ट किया हुआ है। ऐसे में आप अब खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी देश की शिक्षा व्यवस्था को जब संभालेगा, तो इस देश की शिक्षा कैसी होगी