अपने आधुनिक हथियार और सेन को लेकर चीन हमेशा से इतराता आया हैं। लेकिन चीनी सैनिकों में कितना दम हैं, इसकी पोल अमेरिका की एक मैगजीन नेशनल इंटरेस्ट ने खोली हैं। नेशनल इंटरेस्ट का कहना हैं कि चीन के पास आधुनिकतम हथियार तो मौजूद हैं लेकिन किसी भी युद्ध जैसी स्थिति में इन हथियारों को ऊंची जगहों पर पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में आमने-सामने की लड़ाई चीनी सेना युद्ध लड़ने में कमजोर हैं।
आपको बता दें हाल ही में अपनी सैन्य क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चीन सेना ने पश्चिमी इलाकों में नए रॉकेट और युद्धक हथियारों की टेस्टिंग की थी। इनमें
PHL-11 मल्टी रॉकेट लॉन्चर,
PHL-03 लॉन्ग रेंज रॉकेट लॉन्चर
PCL होवित्जर तोप शामिल रही।
इन हथियारों के जरिए ऊंची जगहों पर लाइव फायर एक्सरसाइज की गई। लेकिन इन सबके बीच चीन के पास अमेरिकी चिनुक हेलिकॉप्टर जैसे किसी साधन की जरूरत है जो हथियारों को आसानी के साथ ऊंची जगहों पर पहुंचा सके। ये हेलिकॉप्टर मोबाइल आर्टिलरी और रॉकेट लॉन्चर तक को ऊंची जगहों पर पहुंचा सकने में सक्षम है।
चीन के पास Z-8 कार्गो ट्रांसपोर्सट हेलिकॉप्टर हैं। इन हेलिकॉप्टर्स की क्षमता अमेरिकी चिनुक के मुकाबले आधी भी नहीं है। चीन के हेलिकॉप्टर 20 हजार पाउंड तक का भार उठा सकते हैं जबकि चिनुक की क्षमता 50 हजार पाउंड भार उठाने की है। इससे पहले चिनुक हेलिकॉप्टर पहाड़ों पर हैवी मशीन और होवित्जर तोप भी पहुंचाते रहे हैं। चिनुक हेलिकॉप्टर M777 होवित्जर तोप आराम से पहुंचा सकता है। दरअसल भारत ने बोइंग से 22 अपाचे और 15 चिनूक सैन्य हेलीकाप्टरों खरीदे थे जिनकी सप्लाई बीते साल भारतीय वायुसेना को को पूरी कर दी गई थी।