इस इन दिनों चीन अपनी घटिया हरकतों पर उतर आया है, कई देश अब चीन से परेशान हो गए हैं। ऐसे में अब वो समय आ गया है जब चीन को लेकर दुनिया को कोई बड़ा कदम उठाना चाहिए। क्योंकि दूसरे देशों को हड़पने की ड्रैगन की भूख इन दिनों बढ़ती ही जा रही है। ताइवान पर तो पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने की फिराक में ड्रैगन था ही लेकिन अब तो दुनियाभर के गरीब मुल्कों को अपने कर्ज जाल में फंसाने में जुट गया है। इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने सेना को तेजी से आधुनिक बनाने पर जोर देना शुरू कर दिया है।
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राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने सेना को सशस्त्र बलों के तेजी से आधुनिकीकरण का समर्थन करने और भविष्य के युद्ध जीतने के लिए नई प्रतिभाओं की भर्ती की जरूरत पर काम करने के लिए कहा है। उनका बया ऐसे समय में आया जब एक रिपोर्ट में बताया गया कि, चीनी सेना ने फ्रंटलाइन पदों के लिए तीन लाख कर्मियों को भर्ती करने के लिए संसाधन दिए हैं। चीनी सेना का नेतृत्व करने वाले जिनपिंग ने कहा कि, ये प्रतिभाएं चीनी सशस्त्र बलों के उच्च-गुणवत्ता वाले विकास को आगे बढ़ाने, सैन्य प्रतियोगिता में जीत हासिल करने और भविष्य के युद्धों में बढ़त दिलाने की कुंजी है।य़
इन दिनों चीन अपने सेना को तेजी से आधुनिक बनाने पर जो दे रहे है। इसके साथ ही 209 बिलियन डॉलर का भारी-भरकम रक्षा बजट दिया है। चीन संगठनात्मक सुधा किए और हाइपरसोनिक हथियारों सहित कई हथियार प्रणालियों को सेना में जोड़ा है। अमेरिका सेना के मुताबिक चीन ने हाल ही में एख लंबी दूरी की मिसाइल लॉन्च की, जिसने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया। इसने खुद से हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन को अलग किया और ये वाहन चीन में वापस लौट आया। इस टेस्ट के दौरान ये हाइपरसोनिक मिसाइल अपने टारगेट को तबाह करने के बेहद करीब आ गई थी।
शी जिनपिंग ने कहा है कि, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 2027 में आने वाले शताब्दी वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने को लेकर ठोस समर्थन देने के लिए नई प्रतिभाओं की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, लड़ने और जीतने की क्षमताओं को मजबूत करना सैन्य प्रतिभा की नई पीढ़ी का प्रारंभिक बिंदु और अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने सैन्य कर्मियों की वैज्ञानिक साक्षरता और आधुनिक युद्ध जीतने की उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए तकनीकी जानकारी में सुधार के लिए प्रयासों को बढ़ाने की गुजारिश की।
दुनिया को चीन की हरकतों से शतर्क रहने की जरूरत है ऐसे चीन के किसी भी मंजूबे से निपटने के लिए पहले से ही तैयार रहना होगा। क्योंकि, इन दिनों चीन दूसरे देशों में घूसपैठ तेज करने के साथ ही अपनी ताकत भी दिखा रहा है। ऐसे में बड़े देशों को एक साथ आने की जरूरत है।