चीन की दादागिरी लगतार बढ़ती जा रही है। जमीन के साथ ही समुद्र में भी चीन अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। इसके साथ ही कई देशों पर चीन की बूरी नजर है। ताइवान को तो पूरी तरह से निगलने की सोच रहा है। इसके साथ ही नेपाल में भी लगातार कब्जा कर रहा है। चीन ऐसा देश है जिसकी दुनिया के गिने-चुने ही देशों से बनती है। खासकर यूरोप देशों से तो ड्रैगन का शुरुआत से ही तनातनी चली आ रही है। अब चीन ने ऐसी घटिया हरकत की है जिसकी हर ओर थू-थू हो रही है। दरअसल, चीन ने ऑस्ट्रेलिया के विमान को लेजर से निशाना बनाया है जिसके बाद उसमें सवाल कई लोगों का जीवन खतरे में है। चीन के इस हरकत पर ऑस्ट्रेलिया ने लताड़ लगई है।
चीनी नौसेना ने ऑस्ट्रेलिया के विमान को लेजर से निशाना बनाया, जिसकी वजह से विमान में सवार लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बृहस्पतिवार को ऑस्ट्रेलिया के समुद्री गश्ती विमान पी-8ए पोसाइडन को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलए-एन) ने लेजर से निशाना बनाया, जिसकी वजह से विमान में सवार क्रू का जीवन खतरे में पड़ गया। घटना टोरेस जलडमरूमध्य की है, यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट और न्यूगिनी के दक्षिणी तट के बीच स्थित है। ऑसट्रेलिया का ये विमान कोरल सागर में गश्त कर रहा था। तभी चीनी नौसेना ने लेजर दाग दिया। ऑस्ट्रेलिया ने चीन से गैर पेशेवर और असुरक्षित सैन्य आचरण के लिए माफी मांगने के लिए कहा है। हालांकि, ड्रैगन की ओर से अभी तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब चीन ने किसी विमान पर लेजर से हमला किया हो। इससे पहले भी अमेरिकी विमानों पर भी चीन लेजर से हमले कर चुका है। तब, चीन ने इसपर सफाई दी थी कि लेजर कोई हथियार नहीं है, बल्कि विदेशी सैन्य विमानों को चेतावनी देने का तरीका है कि वे चीनी क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन, असल में ये लेजर हथियार इतने घातक हैं कि इससे कुछ ही पलों में पायलट अंधे हो सकते हैं। साथ ही अगर शक्तिशाली हुआ तो विमान के टुकड़े भी हो सकता हैं। चीन इसका इस्तेमाल 2019 से कर रहा है।