दुनिया भर में कोरोना का कहर अभी भी जारी है। कोरोना के मामले बेशक कम सामने आ रहे हो, लेकिन तीसरी लहर की आशंका अभी भी जताई जा रही है। कोरोना फैलाने का जिम्मेदार ज्यादातर लोग चीन को मानते हैं। एक रिसर्च में कहा गया कि कोरोना का पहला केस 2002 में सामने आया था। डेली मेल के स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के बीजिंग में साल 2002 में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। बताया जा रहा है कि तब ये वायरस चीन के ग्वांगडोंग में कई रेस्त्रां के शेफ और मीट दुकानों के कसाइयों को हो गया था।
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कोरोना से संक्रमित होने वाले शेफ और कसाइयों में सांस लेने की परेशानी और बुखार जैसे लक्षण देखे गए थे। ध्यान देने वाली बात ये थी कि इनमें से ज्यादातर लोग मीट के कारोबार से जुड़े हुए थे। उस समय इस बीमारी ने डॉक्टर्स को चिंता में डाल दिया था। जो लोग मरीजों की देखभाल कर रहे थे, वो भी इस वायरस से चपेट में आ गए थे। हालांकि, उस समय किसी तरह इसपर काबू पा लिया गया था। पूरे दुनिया में तब हजारों मामले सामने आए थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि ये एक चेतावनी थी, जिसे अनदेखी करने की भूल आज दुनियाभर के लोगों को चुकानी पड़ रही है। उसके बाद 2019 में कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल गया। भारत की बात करें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के अंदर देशभर में 39,361 कोरोना के नए मामले और 416 मौतें दर्ज की गईं हैं। आकंड़ों के अनुसार देश में कोरोना के सक्रिय मामले 4,11,189 हैं। अब तक देश में 3,05,79,106 लोग कोरोना से उबर चुके हैं। देश में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 4,20,967 है।