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China की शरण में पहुंचा जिन्ना का मुल्क! शहबाज शरीफ ने कहा- हमें डिफॉल्ट से बचा लिया

Pakistan Economy Crisis

आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान इस वक्त खून के आंसू रो रहा है। पाकिस्तान में इस वक्त हाल बद से बदतर होते जा रहा है। मुल्क में गरीबों पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। हाल यह है कि रोटी के लिए जनता तरस रही है। क्योंकि, इस वक्त आटें का भाव रिकॉर्ड हाई पर है। इससे पहले पाकिस्तान में आटे की कीमत में इतनी उछाल कभी नहीं देखी गयी थी। अभी हाल में चीन ने उसे 1 बिलियन डॉलर का लोन दिया था, जिसके बाद से जिन्ना के मुल्क के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उसके कसीदे पढ़ने में लगे हुए हैं उनका कहना है कि पाकिस्तान वित्तीय संकट के बीच बेलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ समझौते की कोशिश में लगा हुआ है। इस बीच चीन ने उसकी बहुत मदद की है।

क्या बोले शरीफ?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कहना है कि इस अवधि के दौरान चीन ने पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचा लिया है। आईएमएफ के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक रही है। वहीं, आईएमएफ (IMF)  का कहना है कि उसने पाकिस्तान के साथ 3 अरब डॉलर की अल्पकालिक वित्तीय मदद पर स्टाफ-लेवल का समझौता किया है। इस सौदे के लिए जुलाई में आईएमएफ बोर्ड की ओर से अप्रूवल मिलने का इंतजार किया जा जाएगा। आईएमएफ से पैकेज मिलने के बाद पाकिस्तान की हलक में अटकी जान को काफी राहत मिलेगी क्योंकि वह गंभीर भुगतान संतुलन संकट और गिरते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। शहबाज शरीफ का कहना है कि तथाकथित स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) पाकिस्तान को आर्थिक स्थिरता हासिल करने में सक्षम बनाएगा और देश को ऊपरवाले की इच्छा से स्थायी आर्थिक विकास के रास्ते पर ले जाएगा।

क्या अब सुधरेंगे पाकिस्तान के हालात?

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार का कहना है कि उनके देश को आईएमएफ से बाद में सौदे पर औपचारिक दस्तावेज दिए जाएंगे, जिस पर वे मुहर लगाएंगे।पाकिस्तान 3 बिलियन की फंडिंग को उम्मीद से अधिक बता रहा है। आईएमएफ का कहना है कि यह निकट अवधि के नीतिगत प्रयासों को सपोर्ट करेगी और सकल भंडार को और अधिक राहत के स्तर पर लाने के उद्देश्य से मदद मिलेगी।

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पाकिस्तान की हालत कितनी खराब?

पाकिस्तान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए अपने संघीय बजट में आईएमएफ से 2.5 अरब डॉलर पाने के लक्ष्य को निर्धारित किया है। पाकिस्तान को विदेशी ऋण चुकाने, ब्याज भुगतान करने और अपने चालू खाते को वित्तपोषित करने के लिए 22 अरब डॉलर की आवश्यकता है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3.5 बिलियन डॉलर के खतरनाक स्तर पर है। आर्थिक संकट के कारण पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग को नुकसान हुआ है। तीन प्रमुख रेटिंग एजेंसियों ने हाल ही में पाकिस्तान की रेटिंग में कटौती की है – पाकिस्तान के लिए स्टैंडर्ड एंड पूअर्स की रेटिंग CCC+, मूडीज़ की Caa3 और फिच की CCC- है। आईएमएफ की अपेक्षा से अधिक बड़ी राहत राशि के बावजूद, समझौते में इस बात पर जोर दिया गया कि पाकिस्तान को बहुपक्षीय और द्विपक्षीय वित्तीय सहायता जुटाना जारी रखना होगा।