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चीन-पाकिस्तान को छोड़ Srilanka ने लगाई भारत से अच्छे की उम्मीद

चीन-पाकिस्तान को छोड़ Srilanka ने लगाई भारत से अच्छे की उम्मीद

श्रीलंका (Srilanka) अपने बुरे दोर से जूझ रहा है। पाकिस्तान की कंगाली के बाद श्रीलंका(Srilanka) अब भारत की तरफ उम्मीद की नज़रो से देख रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पाकिस्तान का भी श्रीलंका(Srilanka) जैसा हाल होने वाला है।कोलंबो नॉर्थ पोर्ट के लाभकारी होने की श्रीलंका की सारी उम्मीदें भारत, पाकिस्तान और ईरान से जुड़ी हुई हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अब ये बात खुल कर कही है। उन्होने कहा- ‘हमें इस बात पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि भारत में क्या हो रहा है, पाकिस्तान में क्या हो रहा है और ईरान में क्या हो रहा है। ये तीन देश ही इस परियोजना की क्षमता को तय करेंगे। लेकिन इनमें से अभी सिर्फ बेहतर संभावनाएं भारत में नजर आ रही हैं।’ यह परियोजना 30 साल में पूरी होगी। विक्रमसिंघे इस परियोजना से संबंधित फोरम की बैठक को संबोधित कर रहे थे। वहां दिए उनके भाषण से साफ हो गया कि श्रीलंका को अपना भविष्य भारत से जुड़ा नजर आता है। विक्रमसिंघे ने कहा- ‘खासकर भारत के कुछ इलाकों में बहुत तेज गति से औद्योगीकरण हो रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत- खासकर तमिलनाडु ऐसे इलाके हैं।’ विक्रमसिंघे ने बताया कि श्रीलंका त्रिंकोमली बंदरगाह के विकास के लिए भारत से बातचीत कर रहा है।

कंगाली वजह से नहीं रही पाकिस्तान से कोई उम्मीद

जानकारों के मुताबिक श्रीलंका की बंदरगाह परियोजनाएं तभी कामयाब हो सकती हैं, जब पड़ोसी देशों से श्रीलंका का कारोबार तेजी से बढ़े। श्रीलंका के संबंध पाकिस्तान के साथ भी बेहतर हैं। लेकिन राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा- ‘पाकिस्तान भी अभी हमारी तरह ही आर्थिक संकट से गुजर रहा है।’ श्रीलंका के विश्लेषक ध्यान दिलाते रहे हैं कि पाकिस्तान और श्रीलंका के हालात में काफी समानताएं हैं।पाकिस्तान में भी श्रीलंका की तरह ही सेंट्रल बैंक ने गैर-जिम्मेदाराना ढंग नोटों की छपाई की है। इससे उसके रुपये का मूल्य गिरा है।भारत और पाकिस्तान के अलावा श्रीलंका को आशा ईरान से है। ईरान के साथ खास बात यह है कि वह तेल उत्पादक देश है। मगर कई कारणों से ईरान भी फिलहाल आर्थिक संकट में है।

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त्रिंकोमली पोर्ट से श्रीलंका को भविष्य में काफी फायदा मिलने की आशा है। विक्रमसिंघे ने कहा- ‘अगले 25 वर्षों में बंगाल की खाड़ी में बड़े पैमाने पर विकास होगा। यह विकास भारत की तरफ भी होगा और बांग्लादेश, मलेशिया और म्यांमार की तरफ भी। इसलिए हम त्रिंकोमली पोर्ट पर अपना ध्यान केंद्रिंत कर रहे हैं। यह पोर्ट बनने से बंगाल की खाड़ी क्रूज पर्यटन का केंद्र बन जाएगी।’