कहते हैं ना कि बुरे कर्मों का अंजाम भी बुरा ही होता है। ठीक यही हुआ है ड्रैगन यानी चीन के साथ। दरअसल, Chinese Submarine अपने ही जाल में फंस गई, पीले सागर में उसके साथ बड़ा हासदा हो गया है, जिसमें क़रीब 55 नौसैनिकों के मारे जाने की ख़बर है।
Chinese Submarine के एक बार फिर से हादसे का शिकार होने की खबरें हैं। बताया जा रहा है कि एक बार फिर पनडुब्बी पीले सागर में एक हादसे का शिकार हुई है जिसमें कम से कम 55 नौसैनिकों की मौत हो गई है। हालांकि चीन इस मामले में शांत है।
ड्रैगन का एक और पनडुब्बी हादसे का शिकार
चीन की एक और परमाणु पनडुब्बी (Chinese Submarine)हादसे का शिकार हो गई है। बताया जा रहा है कि इस बार भी पीले सागर में ही उसके साथ हादसा हुआ है। इस हादसे में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के 55 नौसैनिकों की मौत की खबरें आ रही हैं। ब्रिटेन के अखबार डेली मेल की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। अखबार की मानें तो परमाणु पनडुब्बी पीले सागर में ब्रिटिश जहाजों को फंसाने के इरादे से बनाए गए जाल में ही फंस गई। कुछ दिनों पहले भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था। अभी तक चीन की तरफ से दोनों ही हादसों पर चुप्पी साधी रखी गई है।
पनडुब्बी का ऑक्सीजन सिस्टम हुआ फेल
यूके की एक सीक्रेट रिपोर्ट के अनुसार एक नौसैनिक मौत पनडुब्बी के ऑक्सीजन सिस्टम की विनाशकारी विफलता के कारण हुई। इसकी वजह से क्रू जहर का शिकार हो गया। कहा जा रहा है कि मृतकों में चीनी पीएलए नौसेना की पनडुब्बी ‘093-417’ का कैप्टन और 21 और अधिकारी भी शामिल हैं। आधिकारिक तौर पर चीन ने इस घटना से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि चीन ने अपनी क्षतिग्रस्त पनडुब्बी के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद का अनुरोध मानने से भी इनकार कर दिया है।
अगस्त महीने में हुआ हादसा
यूके की रिपोर्ट में इस घातक रिपोर्ट के बारे में कुछ इस तरह से लिखा गया, ‘खुफिया रिपोर्ट है कि 21 अगस्त को पीले सागर में एक मिशन को अंजाम देते समय पनडुब्बी एक दुर्घटना का शिकार हुई थी। रिपोर्ट की मानें तो यह घटना 8 बजकर 12 मिनट पर हुई। इसके परिणामस्वरूप 55 नौसैनिकों की मौत हो गई जिसमें 22 अधिकारी, सात अधिकारी कैडेट, नौ जूनियर अधिकारी और 17 नाविक शामिल हैं। मृतकों में कैप्टन कर्नल जू योंग-पेंग भी शामिल हैं।’ चीन की टाइप 093 पनडुब्बियां पिछले 15 सालों से नौसेना का हिस्सा हैं। यह 351 फीट लंबी है और टॉरपीडो से लैस हैं। टाइप 093 चीन की अत्याधुनिक पनडुब्बियों में से एक है और इसमें शोर न के बराबर होता है।
पनडुब्बी के साथ क्या हुआ होगा
रिपोर्ट में लिखा है, ‘हमारी समझ से पनडुब्बी के सिस्टम में खराबी के कारण हाइपोक्सिया से मौत हुई है। पनडुब्बी ने अमेरिकी और सहयोगी पनडुब्बियों को फंसाने के लिए चीनी नौसेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चेन और एंकर में ही उलझ गई।इसकी वजह से सिस्टम फेल हो गया जिससे जहाज की मरम्मत और सतह पर आने में छह घंटे लग गए। एक भयानक असफलता के बाद जहाज पर ऑक्सीजन सिस्टम ने चालक दल के लिए जहर का काम किया।’ माना जा रहा है कि डूबने की घटना चीन के शेडोंग प्रांत में हुई है।
इस बड़ी घटना के बाद भी खामोश है चाइना
अभी तक सार्वजनिक तौर पर चीनी पनडुब्बी के संदिग्ध नुकसान की कोई पुष्टि नहीं हुई है। चीन ने घटना की अटकलों को ‘पूरी तरह से गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया है। जबकि ताइवान ने भी इंटरनेट रिपोर्टों का खंडन किया है। यूके रिपोर्ट के बारे में चर्चा करने के लिए रॉयल नेवी से भी संपर्क किया गया लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यूके की यह रिपोर्ट डिफेंस इंटेलीजेंस पर आधारित है। एक ब्रिटिश पनडुब्बी विशेषज्ञ के मुताबिक संभावना है कि ऐसा हुआ होगा और उन्हें इस बात पर संदेह है कि चीन ने स्पष्ट कारणों की वजह से अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा होगा।
यह भी पढ़ें-भारत के कड़े रुख़ से ढीली पड़ी कनाडा की अकड़, पीएम मोदी से अकेले में बात करना चाहते हैं ट्रूडो।