पाकिस्तान को चीन की दोस्ती काफी महंगी पड़ी है। सीपेक (China-Pakistan Economic Corridor) के जाल में चीन ने पाकिस्तान को उलझाकर रख दिया है। आलम ये है कि पाकिस्तान की इकॉनमी चरमरा गई है। इमरान खान का नया पाकिस्तान कर्ज चुकाने के लिए कर्ज मांगता फिर रहा है। गिलगिट बाल्टिस्तान, बलूचिस्तान और अब सिंध में चीन की घुसपैठ से पाकिस्तान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। इमरान खान की सरकार में पाकिस्तान लाल ड्रैगन का गुलाम बन कर रह गया है। महंगे दर पर कर्ज मुहैया कराना, भारी भरकम ब्याज, पाकिस्तान में चल रहे प्रोजेक्ट्स में चीनी कंपनियों की दखल ने पाकिस्तान को तबाह करके रख दिया है।
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उन्होंने आगे कहा, "हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत, टिकाऊ और पारस्परिक रूप से लाभप्रद बनाने के लिए नए प्रशासन के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हासिल करने के लिए अपनी साझेदारी को जारी रखना चाहते हैं।"