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बेवफा हुआ पाकिस्तान, चीन को छोड़कर अब इस देश पर डाल रहा डोरे!

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। फाइल फोटो

पाकिस्तान को चीन की दोस्ती काफी महंगी पड़ी है। सीपेक (China-Pakistan Economic Corridor) के जाल में चीन ने पाकिस्तान को उलझाकर रख दिया है। आलम ये है कि पाकिस्तान की इकॉनमी चरमरा गई है। इमरान खान का नया पाकिस्तान कर्ज चुकाने के लिए कर्ज मांगता फिर रहा है। गिलगिट बाल्टिस्तान, बलूचिस्तान और अब सिंध में चीन की घुसपैठ से पाकिस्तान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। इमरान खान की सरकार में पाकिस्तान लाल ड्रैगन का गुलाम बन कर रह गया है। महंगे दर पर कर्ज मुहैया कराना, भारी भरकम ब्याज, पाकिस्तान में चल रहे प्रोजेक्ट्स में चीनी कंपनियों की दखल ने पाकिस्तान को तबाह करके रख दिया है।

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यही वजह है कि अब पाकिस्तान बेवफा बन गया है। चीन का दामन छोड़कर पाकिस्तान अब अमेरिका का करीबी बनने की फिराक में है। उसे मौका भी मिला है। डोनाल्ड ट्रंप के जाने के बाद अब अमेरिका की कमान जो बाइडन के हाथों में है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि बाइडन के कार्यकाल में अमेरिका से उसके संबंध बेहतर हो सकते हैं। ऐसा होता है तो चीन पर उसकी निर्भरता कम होगी। 
 
पाकिस्तान की कोशिश फिलहाल अमेरिका के नए निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के और करीबी बनने की है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है और साथ में यह भी कहा है कि इस्लामाबाद, वॉशिंगटन के साथ अपने संबंध को महत्वपूर्ण मानता है, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर सद्भावना और स्थिरता को बनाए रखने में मदद मिलेगी। 
 
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी से बाइडन प्रशासन के करीबी बनने के लिए इस्लामाबाद की रणनीति के बारे में पूछा गया, तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "बीते दिनों हमने साथ में काम कर काफी कुछ हासिल किया है। आपस में साझा किए जाने वाले भू राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में हमारे बीच निरंतर आपसी सहयोग और समन्वय और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत, टिकाऊ और पारस्परिक रूप से लाभप्रद बनाने के लिए नए प्रशासन के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हासिल करने के लिए अपनी साझेदारी को जारी रखना चाहते हैं।"