दुनिया में इन दिनों चीन काफी चर्चा में है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नजरबंद किए जाने की अफवाहें अभी तक खत्म नहीं हुई हैं इसी बीच एक और खबर ने दुनियावालों की चिंता को बढ़ा दिया है। दरअसल, चीन ने कुछ देशों में पुलिस चौकियां (Public Security Bureau) शुरू कर दी हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि पुलिस चौकी या थाने (Public Security Bureau) किसी संप्रभु राष्ट्र की परिधि में ही खोली जा सकती है। कोई एक राष्ट्र दूसरे देश के भीतर पुलिस या सुरक्षा चौकी नहीं खोल सकता है। मगर चीन ने कई देशों में अपने थाने और चौकियां (Public Security Bureau) खोल दी हैं।
ये चौकियां कनाडा, आयरलैंड समेत दुनियाभर के कई देशों में खोली गई हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरे कनाडा में फूजौ पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो (PSB) से जुड़े अनौपचारिक पुलिस सर्विस स्टेशन स्थापित किए हैं। कम से कम तीन पुलिस स्टेशन ग्रेटर टोरंटो एरिया में स्थित हैं। आयरलैंड के डबलिन में भी ऐसी ही चीनी पुलिस चौकियों की मौजूदगी सामने आई है। ये चौकियां न सिर्फ अवैध हैं, बल्कि चीन के विरोधियों को सताने के लिए स्थापित की गई हैं। इतना ही नहीं, इन पुलिस चौकियों के सहारे चीनी सरकार संबंधित देशों में चुनावों को भी प्रभावित कर रही है।
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चीन का दावा है कि इन पुलिस चौकियों को विदेशों में रहने वाले चीनी नागरिकों को स्थानीय पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने और अन्य नौकरशाही प्रक्रियाओं में सहायता करने के लिए स्थापित किया गया है। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, ये पुलिस स्टेशन कथित तौर पर अपराधियों को चीन वापस भेजने के लिए मजबूर करने में भी शामिल रहे हैं।
पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो चीफ ने चीनी सरकारी मीडिया सिन्हुआ को बताया कि उनका विभाग विदेशों में रहने वाले चीनी नागरिकों के लिए कुशल, उच्च-गुणवत्ता और सुविधाजनक सेवाओं को प्रदान करना और इस समूह से जुड़े अपराधों, अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने में शामिल है। वहीं, कई विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीनी अधिकारी अपने रिश्तेदारों को भर्ती करने, बच्चों का शोषण करने और सरकार विरोधी चीनी नागरिकों को जबरन अपने देश में बुलाने के लिए बेइमान हथकंडे अपना रहा है।
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता डारिया इम्पोम्बेटो ने भी विदेशों में चीनी पुलिस के प्रभाव के बारे में चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि विदेशी चीनी नागरिक पहले से ही बहुत जागरूक हैं कि उनके काम के नतीजे चीन में रहने वाले उनके परिवारों को भुगतने पड़ सकते हैं।