अफगानिस्तान में सरकार बनाने के लिए तालिबान आपस में लड़ रहा है। एक महीने के बाद भी खींचतान जारी है। इस बीच अब कहा जा रहा है कि अब तालिबान का राष्ट्रपति उसे बनाया जाएगा जिसे दुनिया नहीं जानती है। इसमें पाकिस्तान का हाथ बताया जा रहा है। तालिबानी नेता मुल्लाह हसन अखुंद को राष्ट्रपति पद पर बैठाया जाएगा ताकि संगठन के दोनों धड़ों में हो रही उठापटक पर विराम लगाया जा सके।
खबर के मुताबिक, मुल्लाह हसन अखुंद को भी संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में तालिबान के अलग-अलग गुटों के बीच अभी तक सरकार गठन को लेकर आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। अभी तक अफगानिस्तान में मुल्लाह बरादर, हक्कानी नेटवर्क के बीच सत्ता को लेकर खींचतान जारी थी। नए फॉर्मुला के तहत, मुल्लाह बरादर और मुल्लाह उमर के बेटे मुल्ला याकूब को मुल्लाह याकूब के अंदर उपराष्ट्रपति पद दिया जाएगा। इतना ही नहीं वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को सबसे अहम गृह मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है। वहीं, तालिबान के हिबतुल्लाह अखुंदजादा को 'सुप्रीम नेता' बनाया जाना भी तय माना जा रहा है।
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आपको बता दें कि मुल्लाह हसन ने 2001 में भी मंत्री पद संभाला है। वो अमेरिका तालिबान में आने से पहले सरकार में शामिल था। मुल्लाह हसन को आगे करने में पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई की हाथ है। ISI चीफ फैज हामिद अब अफगानिस्तान से वापस इस्लामाबाद भी जा चुके हैं। मुल्लाह हसन अखुंद का जन्म कंधार में हुआ था, जिसे तालिबान की जन्मस्थली भी माना जाता है।