गलवान घाटी की चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच साल 2020 में हुई हिंसक झड़प को लेकर एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने हाल ही में बड़ा खुलासा किया है, जिससे चीन की पोल खुल गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि घाटी में गलवान नदी को पार करते समय कई चीनी सैनिक डूब गए थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। इसी हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिक को लेकर ड्रैगन राजनीति करना शुरू कर दिया है जिसकी विश्व स्तर पर थू-थू हो रही है। चीन ने गलवान घाटी में भारत संग सैन्य झड़प में जख्मी जवान को विंटर ओलंपिक मशाल थमाई है। जिसकी अमेरिका ने निंदा की है।
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चीन के इस कदम को शर्मनाक करार देते हुए अमेरिका ने कहा है कि, यह खेलों के राजनीतिकरण करने का प्रयास है। अमेरिका की विदेश मामलों की संसदीय समिति में शामिल सीनेटर ने कहा कि, चीन का यह फैसला शर्मनाक है। सीनेटर जिम रिस्क ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ऐसे व्यक्ति के हाथों में विंटर ओलंपिक की मशाल थमा दी, जो भारत पर किए गए सैन्य हमले में शामिल था। इसके अलावा वह शख्स सेना का भी हिस्सा है, जिसने उइगर मुस्लिमों का नरसंहार किया। अमेरिका की ओर से उइगरों की आजादी और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रहेगा।
चीनी सेना के रेजिमेंटल कमांडर को विंटर ओलंपिक की मशाल थमाई गई है जो, जून, 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से झड़प के दौरान जख्मी हुआ था। चीन ने इस घटना में अपने सिर्फ 4 से 5 सैनिकों के ही मारे जाने की बात स्वीकार की थी वो भी काफी लंबे समय के बाद। लेकिन दूसरे देशों के न्यूज रिपोर्टों में यह बताया गया था कि इसमें भारत से ज्यादा चीन को नुकसान हुआ था र चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। चीन की ओर से अब सैनिक को मशाल थमाए जाने की दुनियाभर में निंदा हो रही है। ड्रैगन के इस कदम को खेलों का राजनीतिकरण करने का कदम बताते हुए बड़े स्तर पर विश्वभर में आलोचना हो रही है।
It's shameful that #Beijing chose a torchbearer for the #Olympics2022 who's part of the military command that attacked #India in 2020 and is implementing #genocide against the #Uyghurs. The U.S. will cont. to support #Uyghur freedoms & the sovereignty of India.
— Senate Foreign Relations Committee Ranking Member (@SenateForeign) February 3, 2022
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चीन ने जिस सैनिक के हाथों मशाल थमाई है उसका नाम की फाबाओ है और गलावी घाटी संघर्ष के दौरान उसके सिर में गंभीर चोटें आई थीं। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। लेकिन चीन लगातार अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर छिपाने का प्रयास करता रहा है। लेकिन अब उसकी सारी पोल खुलती हुई नजर आ रही है। ऑस्ट्रेलियाई खबर ने अपनी रिपोर्ट में चीन के 40 जवानों के मारे जाने की बात कही है। इसमें कहा गया है कि झड़प के दौरान खई चीनी सैनिक तेज धारा वाली गलवान नदी पार करते हुए अंधेरे में डूब गए थे। साथ ही रिपोर्ट में यह भी खुलास हुआ है कि, चीन ने तथ्यों क प्रभावित करने के लिए गलावन में हुई दो अलग-अलग झड़पों के तथ्यों और तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया।