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पाकिस्तान की तरह झूठा ड्रैगन, गलवान में मारे गए सैनिकों के नाम चीन ने छुपाए अब आए सामने

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गलवान घाटी की चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प देश के लोगों को आज भी याद है। साल 2020 में हुई इस हिंसक झड़प को लेकर एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने बड़ा खुलासा किया है, जिससे चीन की पोल खुल गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि घाटी में गलवान नदी को पार करते समय कई चीनी सैनिक डूब गए थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।

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ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार 'द क्लैक्सन' में अनाम रिसर्चर्स और चीन के ब्लॉगरों का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से उन्होंने अपना नाम उजागर नहीं किया, लेकिन उन्होंने जो पता लगाया उससे गलवान की घटना पर पर्याप्त रोशनी पड़ती हुई प्रतीत होती है। अखबार के मुताबिक चीन के कम-से-कम 38 सैनिकों की मौत हो गई थी। आपको बता दें कि चीन आधिकारिक रूप से कहता आया है कि गलवान घाटी की झड़प में उसके चार सैनिक मारे गए।' रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गलवान घाटी की हिंसा में अपने हताहत सैनिकों की सही संख्या सामने न आए और इस पर बहस एवं चर्चा न हो, चीन ने इस पर सख्ती दिखाई।

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आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद मई 2020 में शुरू हुआ था, जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी। 5 मई 2020 को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद सैन्य गतिरोध पैदा हो गया। 5 मई की घटना के बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाथू ला में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं। इसके बाद 15 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।