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कोरोना से जंग में अब रेलवे ने संभाला मोर्चा, 7 राज्यों में तैनात किए आइसोलेशन कोच

Indian Railway deployed Isolation coaches at 17 stations in seven states

भारत में कोविड-19 का भयावह कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले तीन दिनों से लगातार 4 लाख से अधिक कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब भारतीय रेलवे ने कोरोना के खिलाफ जंग में मोर्चा संभाला है। रेलवे ने कहा है कि कोविड-19 के सामान्य मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन कोच को देश के सात राज्यों के 17 स्टेशनों पर तैनात किया गया है।

रेलवे की ओर से कहा गया है कि फिलहाल विभिन्न राज्यों को 298 आइसोलेशन कोच सौंपे गए हैं और उनमें 4700 से अधिक बेड्स हैं। महाराष्ट्र में कुल 60 डिब्बे तैनात किए गए हैं और नंदुरबार में 116 मरीज भर्ती किए गए और ठीक होने पर राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें छुट्टी दे दी, फिलहाल 23 मरीज उनका उपयोग कर रहे हैं।

इसके आगे रेलवे की ओर से कहा गया कि, 11 कोविड केयर डिब्बे राज्य के इनलैंड कंटेनर डिपो में तैनात किए हैं और उन्हें नागपुर नगर निगम को दिए हैं। वहां 9 मरीज भर्ती किए गए और आइसोलेशन के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। फिलहाल पालघर में 24 डिब्बे प्रदान किए गए और उन्हें उपयोग में लाया जा रहा है।

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मरीजों का पूरा रखा जा रहा ध्यान

रेलवे के आइसोलेशन कोच में संक्रमित मरीज को भर्ती करके बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकता है। ये कोच रेल पटरी पर ही खड़े हो सकते हैं, लिहाजा किसी भी रेलवे स्टेशन पर इसका इस्तेमाल हो सकता है। इसमें दो सीटों के बीच ऑक्सीजन सिलेंडरों को रखने की व्यवस्था है।

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वहीं, मरीजों के नहाने के लिए बाथरूम और टॉयलेट भी है। पैरामेडिकल स्टाफ के लिए हर कोच में एक केबिन है, जहां से दवाएं आदि दी जाती हैं। महाराष्ट्र के नंदूरबार, पालघर और एमपी के जबलपुर में कोविड केयर कोचों में हर खिड़की पर कूलर है, जिससे मरीजों को गर्मी न लगे। लोहे के कोच होने की वजह से छत पर गीले बोरों को रखकर तापमान कम किया जाता है। उपयोग में आने वाले सभी कोचों को इसी तरह से व्यवस्थित किया जा रहा है, कि मरीजों को दिक्कत न हो।