रेलवे के साथ अब लेटलतीफी का शब्द मानों चिपक सा गया हो, क्योंकि आए दिन देखा जाता हैं कि ट्रेन का टाइम कुछ और होता हैं और ट्रेन आती किसी और टाइम पर हैं। जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ता हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ट्रेन की लेटलतीफी से अगर किसी को नुकसान हुआ हैं, तो उसकी भरपाई रेलवे ही करेगा। ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को एक यात्री के नुकसान की भरपाई के तौर पर उसे 30 हजार रुपए देने का आदेश जिया हैं।
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जानकारी के मुताबिक हैं कि यात्री अजमेर-जम्मू एक्सप्रेस पर सवार था। ये ट्रेन 4 घंटे लेट आई। जिसकी वजह से उसकी जम्मू से श्रीनगर की फ्लाइट छूट गई। इसको लेकर यात्रू ने अलवर के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम में शिकायत दर्ज कराई। फोरम ने नॉदर्न रेलवे को मुआवजे देने का आदेश दिया, लेकिन रेलवे ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया और इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने की।
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सुप्रीम कोर्ट ने नॉर्दन रेलवे को आदेश दिया कि उन्हें यात्री को 15 हजार रुपए टैक्सी खर्च के तौर पर, 10 हजार रुपए टिकट खर्च और 5 हजार रुपए मानसिक पीड़ा और मुकदमेबाजी खर्च के रूप में देने होंगे। बताया जा रहा हैं कि ट्रेन लेट होने की वजह से यात्री की फ्लाइट छूट गई थी। उसे टैक्सी से श्रीनगर जाना पड़ा और हवाई टिकट के रूप में 9 हजार रुपए का नुकसान हुआ। उसे टैक्सी किराये पर 15 हजार रुपए खर्च करने पड़े। इसके अलावा डल झील में शिकारा की बुकिंग के 10 हजार रुपए का नुकसान भी हुआ हुई।