सीएए और एनआरसी (CAA-NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़े एक मामले में जेएनयू (Jawaharlala Nehru University) के छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को कोर्ट की ओर से करारा झटका लगा है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
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साकेत कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, 13 दिसंबर 2019 को भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से पता चलता है कि यह स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक/विभाजनकारी तर्ज पर है। मेरे विचार में, भड़काऊं भाषणों को समाज की शआंति और सद्भाव पर एक दुर्बल प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में स्वामी विवेकानंद को भी उद्धृत किया, कोर्ट ने कहा कि, हम वही हैं जो हमें हमारे विचारों ने बनाया है, इसलिए आप जो सोचते हैं, उस पर ध्यान दें, शब्द गौण हैं, विचार जीवित हैं, जो दूर तक जाते हैं।
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गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम ने उत्तर-पूर्वी हुई दिल्ली हिंसा से संबंधित एक मामले में एक स्थानीय अदालत से जुलाई महीने में जमानत मांगी थी। गौर हो कि, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा में 24 फरवरी को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में 53 लोगों की जान चली गई थी और 700 से अन्य घायल हुए थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कई सरकार संपत्तियों को नुकसान पहुंचयाया था। बसों को आग के हवाले कर दिया था।