मशहूर सिंगर लता मंगेशकर बेशक हमारे बीच न हो, लेकिन लोगों के दिलों में आज भी जिंदा है। उनके सुपरहिट गाने लोगों के जुबां पर कायम रहते है। लता मंगेशकर अपने करियर को लेकर जितनी सुर्खियों में रही, उतना ही अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चाओं में रही। लता मंगेशकर का बॉलीवुड के सुपरस्टार दिलीप कुमार के एक किस्सा काफी मशहूर है। आपको बता दें कि दिलीप कुमार 60 के दशक में अपनी बेहतरीन अदाकारी से फैंस के दिलों पर राज करते थे। उन्होंने फिल्म 'ज्वार भाटा' से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा था।
वहीं, सुरों की मलिका कहलाने वाली मशहूर सिंगर लता मंगेशकर को दिलीप कुमार अपनी छोटी बहन की तरह मानते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लता मंगेशकर उन्हें राखी भी बांधती थीं। हालांकि, एक समय ऐसा भी आया कि दिलीप कुमार और लता मंगेशकर ने एक-दूसरे से बात भी करना बंद कर दी थी। वो भी 1-2 साल के लिए नहीं बल्कि दोनों ने लगभग 13 साल आपस में बात नहीं की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म 'मुसाफिर' जो साल 1957 में आई थी। सलिल चौधरी ने इसके गाने 'लागी नाहीं छूटे' के लिए दिलीप कुमार को चुना, लेकिन लता मंगेशकर जो इस गाने में अपनी आवाज देने वाली थीं उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
जब उन्हें इस बारे में पता चला तो वो सोचने लगीं कि दिलीप गाना गा भी सकेंगे? वहीं, दिलीप कुमार गाने की प्रेक्टिस में लग गए। लेकिन रिकॉर्डिंग के समय वो लता मंगेशकर के साथ गाते हुए घबरा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलिल ने उनकी घबराहट कम करने के लिए दिलीप को ब्रांडी का एक पेग पिला दिया। इसके बाद उन्होंने गाना तो गा लिया लेकिन आवाज़ सही नहीं बैठी। लता मंगेशकर ने गाना हमेशा की तरह बेहतरीन गाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रिकॉर्डिंग के बाद से ही दिलीप कुमार और लता मंगेशकर के बीच मतभेद शुरू हो गए थे। कहा जाता है कि दोनों ने 13 सालों तक एक-दूसरे से ठीक से बात नहीं की थी। फिर साल 1970 में ये सिलसिला खत्म हुआ जिसके बाद लता मंगेशकर ने सुपरस्टार को राखी भी बांधनी शुरू कर दी थी।