भारत रत्न से सम्मानित और स्वर कोकिला के नाम से पहचानी जाने वाले दिग्गज गायिका लता मंगेशकर जिंदगी की जंग हार गईं। 92 साल की लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं रहीं। 8 जनवरी को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद से लता मंगेशकर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ। जन्म के साथ उन्हें 'हेमा' नाम दिया गया, लेकिन ये नाम उनके पिता को पसंद नहीं आया और उन्होंने नाम बदलकर 'लता' रख दिया।
कम ही लोग जानते हैं कि सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने 5 साल की छोटी उम्र से ही सिंगिंग शुरू कर दी थी, लेकिन जब लता मंगेशकर ने फिल्म इंडस्ट्री में एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर एंट्री की तो उस समय उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था, क्योंकि उस समय लता की आवाज को काफी पतला समझा गया था। लता मंगेशकर ने हजारों गाने गाए हैं, लेकिन उनका गाया पहला गाना कभी रिलीज नहीं हुआ। ये गाने मराठी फिल्म 'किट्टी हसल' के लिए गाया था। गाना डब तो हुआ लता की आवाज में लेकिन फिल्म के फाइनल कट में उसे हटा दिया गया, इसलिए वो गाना कभी रिलीज नहीं हो सका। खास बात ये है कि उनका आखिरी गाना भी मराठी भाषा में था।
लता मंगेशकर के कुछ सदाबहार गानों की बात करें तो उनमें 'आएगा आनेवाला', 'लग जा गले', 'रंगीला रे', 'तेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा', 'अजीब दास्तां है ये', 'लो आ गई उनकी याद', 'तू जहां जहां चलेगा मेरा साया', 'जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं, 'शीशा हो या दिल हो', 'सत्यम शिवम सुंदरम' जैसे शानदार गानें शामिल हैं। लता मंगेशकर ने भले अपनी सांसें बंद कर ली हों लेकिन उनकी आवाज की मिठास हर धड़कन में हमेशा-हमेशा जिंदा रहेगी।