अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। जिसके चलते अफगानिस्तान के लोगों में खौफ का माहौल हैं। वहां से दिल दहलाने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। इस बीच सोमवार (16 अगस्त) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान को लेकर एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में कई देश शामिल हुए। इस बैठक का हिस्सा पाकिस्तान भी बनना चाहता था, लेकिन उसे आने से रोक दिया गया। जिसके चलते भारत और पाकिस्तान आमने सामने आ गए। दरअसल, भारत अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। ऐसे में बैठक का हिस्सा न बनने को लेकर पाकिस्तान इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा हैं।
भारत के अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद 10 दिनों के भीतर सुरक्षा परिषद को दूसरी बार अफगानिस्तान पर आपात बैठक करनी पड़ी। इस बैठक को पाकिस्तान ने भारत पर कई हमले किए, लेकिन भारत शांति बनाए रखने के लिहाज से चुप्पी साधे हुए हैं। बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी दूत मुनीर अकरम ने आरोप लगाया कि 'भारत उन्हें अफगानिस्तान पर होने वाली चर्चाओं में शामिल नहीं होने दे रहा। अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान एक अहम भूमिका निभा सकता है, लेकिन भारत जान-बूझकर हमें अफगानिस्तान के बारे में नहीं बोलने दे रहा।'
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी इसको लेकर ट्वीट करते हुए भारत की आलोचना की। कुरैशी ने ट्वीट कर लिखा- 'अफगानिस्तान की नियति के इस अहम मौक़े पर भारत की पक्षपातपूर्ण और बाधा डालने वाली हरकतें और इस बहुसदस्यीय मंच का बार-बार राजनीतिकरण करना, जिसका मक़सद ही शांति लाना है, ये दिखाता है कि अफगानिस्तान और इस क्षेत्र को लेकर उनका इरादा क्या है।' बैठक में पाकिस्तान को शामिल नहीं किए जाने पर चीन ने अफसोस जताया। चीन के स्थायी प्रतिनिधि जांग जुन ने पाकिस्तान को लेकर इशारो-इशारो में कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध की समाप्ति केवल अफगान लोग ही नहीं चाहते बल्कि ये पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा है।