वैश्विक माहमारी कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान उत्तर प्रदेश में जारी कोरोना कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में अब शराब को भी शामिल किया गया है। प्रदेश में 11 दिन से बंद शराब की दुकानों को आज कुछ जिलों में खोल दिया गया है। इस दौरान वहां पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
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शराब की दुकानें तो खोल दी गई लेकिन जहां उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के हर रोज मामले नए रिकॉर्ड बना रहे हैं और तो और ऑक्सीजन की भारी कमी है। वहीं दुकानों के बाहर जिस तरह से लोगों की भीड़ उमड़ी उसके देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इन्हें कोरोना का खौफ नहीं है। ऐसे में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरे और बढ़ने की ओर इशारा करते हैं।
शराब की दुकानें खुलते ही दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी। गाजियाबाद प्रशासन ने शराब की दुकानें सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुलने के आदेश किए हैं। ठेकों के बाहर सुबह से ही लंबी लाइन नजर आई। प्रशासन की ओर से जारी निर्देश में कहा गया था कि शराब की सभी दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिग के नियमों का पालन करना जरूरी होगा। हालांकि किसी भी शराब की दुकान पर सोशल डिस्टेसिंग नजर नहीं आई।
जिन शहरों में आज शराब की दुकानें खुली हैं, वहां पर लम्बी लाइन लगी है। देशी के साथ ही विदेशी शराब की दुकानों पर पुलिस भले ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए मुस्तैद है, लेकिन लोग पालन नहीं कर रहे हैं।
हर दिन हो रहा था 100 करोड़ का नुकसान
असोसिएशन के महामांत्री कन्हैयालाल मौर्या ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख बताया था कि इतने समय से बंद पड़ी शराब की दुकानों से प्रदेश में प्रतिदिन 100 करोड़ से अधिका का नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही शराब की दुकानों के बंद होने से निर्धारित मासिक कोटा और लाइसेंस फीस की चिंता भी सता रही है। प्रदेश के शराब विक्रेता वेलफेयर असोसिएशन के पदाधिकारियों ने सीएम योगी को पत्र लिख बंद पड़ी शराब की दुकानों को खोलने की मांग की थी। असोसिएशन के महामंत्री कन्हैयालाल मौर्या ने कहा कि पंचायती चुनाव के पहले से ही कोरोना महामारी के बीच लागू हुए कर्फ्यू के समय से ही सभी शराब की दुकानें बंद हैं।