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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाया बड़ा कदम, देश में नहीं होगी ऑक्सीजन की वजह से एक भी मौत, नाइट्रोजन प्‍लांट में बनेगी ऑक्‍सीजन

Now Converting Nitrogen Plants To Oxygen Plants

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कुछ न कुछ नए प्रयोग और कोशिशें कर रही है। कोविड-19 महामारी से निपटने प्रधानमंत्री लगातार उद्योगपतियों, संस्थाओं और विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैं। रविवार को भी प्रधानमंत्री मोदी ने सीनियर अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की। इसमें ऐसे 37 नाइट्रोजन प्लांट को चिह्नित किया, जहां 10000 ऑक्सीजनयुक्त बेड वाले अस्थायी अस्पताल बनाए दा सकेंगे। ये वो प्लांट हैं, जो शुद्धाता की ऑक्सीजन (Oxygen) उत्पादित करते हैं।

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देश में ऑक्‍सीजन की कमी से कुछ अस्‍पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। इस बीच केंद्र सरकार अब देश के अधिकांश नाइट्रोजन प्‍लांट (Nitrogen Plant) को ऑक्‍सीजन प्‍लांट (Oxygen Plant) में बदलकर उससे ऑक्‍सीजन उत्‍पादन करने की योजना पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने आपूर्ति और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए चिकित्सा उद्देश्यों के संबंध में गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग की भी समीक्षा की। सरकार गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों की पहचान करेगी। आसपास ऑक्सीजन बिस्तरों की सुविधा के साथ अस्थायी कोविड-19 देखभाल केंद्र स्थापित करेगी।

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पीएम कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए सरकार मौजूदा नाइट्रोजन प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट में बदलने की तैयारी कर रही है। अब तक ऐसे 14 उद्योगों की पहचान की गई है जहां ऑक्सीजन उत्पादन के लिए प्लांट को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। भविष्य में 37 नाइट्रोजन प्लांट की पहचान की जाएगी।

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पीएमओ के अनुसार नाइट्रोजन प्लांट में लगने वाले कार्बन मॉलिकुलर सीव को हटाकर जियोलाइट मॉलिकुलर सीव लगाया जाएगा। जेडएमएस ऑक्सीजन प्लांट में इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही नाइट्रोजन प्लांट में ऑक्सीजन एनालाइजर, कंट्रोल पैनल सिस्टम और फ्लो वॉल्व जैसी कुछ चीजें भी बदलने की जरूरत होगी। इसके बाद नाइट्रोजन प्लांट ऑक्सीजन उत्पादन करने लगेंगे।