पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी देश के लाखों पेंशनर्स के लिए 'मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न स्कीम' लेकर आने वाला है। इस स्कीम को डिजाइन करने के लिए सुझाव मंगवाए जा रहे हैं। वहीं पेंशन फंड्स और एक्चुरियल फर्मों से बातचीत चल रही है। इस बातचीत के आधार पर योजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस स्कीम को पीएफआरडीए कानून के तहत न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न की योजना शुरू करने की मंजूरी मिली है।
पीएफआरडीए कानून एक्ट के निर्देशों के मुताबिक, एनपीएस के तहत सब्सक्राइबर एक ऐसी स्कीम चुने जो 'मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न' दे, इस तरह की योजना को रेगुलेटर के साथ रजिस्टर्ड पेंशन फंड द्वारा पेश करना होगा। इस तरह सलाहकारों काम पेंशन फंड द्वारा मौजूदा और संभावित सब्सक्राइबर्स के लिए 'मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न' योजना तैयार करना होगा। पीएफआरडीए ने नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना को बनाने और फीचर्स जोड़ने में काफी काम किया है, लेकिन ये सभी केंद्र सरकार की योजनाएं हैं।
पीएफआरडीए की अपनी पहली वास्तविक स्कीम होगी। ये खास इसलिए भी होगी कि पीएफआरडीए अभी तक ऐसी कोई गारंटी वाली स्कीम नहीं चलाता है। पीएफआरडीए का कहना है कि पेंशन की इस योजना की गारंटी बाजार से जुड़ी होगी। फंड मैनेजरों को ही निवेश पर मिलने वाले मुनाफे में से गारंटी वाले हिस्से को तय करना होगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2004 को एनपीएस को अनिवार्य रूप से लागू किया था। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं। नेशनल पेंशन स्कीम में 18 से 60 साल का कोई भी व्यक्ति ले सकता है।