मोदी सरकार ने किसानों के लिए 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' चालू की थी, लेकिन इस योजना में भी गड़बड़ी घोटाला होने लगा है। 42 लाख से ज्यादा फर्जी लोगों ने इस योजना के तहत मिलने वाले पैसों को डकार गए है। दरअसल, फर्जी नामों से लोगों ने इस योजना का फायदा उठाया। इन 42 लाख फर्जी लोगों के बैंक अकाउंट में 3000 करोड़ रुपए से कही ज्यादा रुपये ट्रांसफर किए गए। अब सरकार इन फर्जी नाम वाले लोगों से वसूली करने पर विचार कर रही है। दरअसल, इसका खुलासा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया-
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42.16 लाख अयोग्य किसानों से कुल 2992.75 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी है।
इन अयोग्य किसानों की सबसे ज्यादा संख्या असम, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, पंजाब और बिहार में है।
असम के कुल 8.35 लाख अयोग्य किसानों के अकाउंट में 554.01 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।
इसके अलावा पंजाब से करीब 438 करोड़, महाराष्ट्र से करीब 358 करोड़ रुपए की वसूली की जानी है।
तमिलनाडु के अयोग्य किसानों से 340.56 करोड़ और उत्तर प्रदेश के अयोग्स किसानों से 258.64 करोड़ रुपए वापस लिए जाएंगे।
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वसूली करने के लिए सरकार ने इसका जिम्मा राज्य सरकारों को दे दिया है। राज्य सरकार पीएम-किसान के लिए लाभार्थियों की पहचान करेगी और अयोग्य होने पर उनसे वसूली की जाएगी। आयकर रिटर्न फाइल करने या सरकारी नौकरी करने वाले किसानों को इस स्कीम के दायरे से बाहर रखा गया है। गौरतलब है कि हर साल इस योजना के तहत सरकार सालाना 6 हजार रुपए देती है। ये रकम चार माह में एक बार मिलती है। साल 2019 में शुरू हुई इस योजना की आठ किस्तें आ चुकी हैं। बीते मई महीने में योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख लाभार्थी किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई थी। इसके तहत हर लाभार्थी किसानों के अकाउंट में 2 हजार दिए गए।