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2007 वनडे विश्व कप की याद दिलाते हुए भड़के वीरेंद्र सहवाग, बोलें- उस दौरान भी रोहित वाली ही हुई थी गलती…

2007 वनडे विश्व कप का याद दिलाते हुए भड़के वीरेंद्र सहवाग

टी20 वर्ल्ड कप के अपने दूसरे मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को आठ विकेट से हरा दिया है। इस हार से भारत के सेमीफाइनल में जाने की राह लगभग बंद हो गई है। यहां से कोई चमत्कार ही भारत को सेमीफाइनल में पहुंचा सकता है। भारत की बल्लेबाजी इस मैच में पूरी तरह से फ्लॉप दिखाई दी। टीम इंडिया ने जो दूसरी मैच में बदवाल किया उसे लेकर भारत के कई दिग्गज खिलाड़ी अपना बयान दे चुके हैं अब वीरेंद्र सहवाग इसपर भड़कते हुए 2007 वनडे विश्व कप की याद दिलाई है।

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विराट कोहली ने इस मैच में रोहित शर्मा को ओपनिंग न कराते हुए नंबर-3 पर भेजा था। ओपनिंग की जिम्मेदारी केएल राहुल और इशान किशन को दी गई थी। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी इस कदम की आलोचना की है। सहवाग ने 2007 वनडे विश्व कप की एक घटना को याद किया है। सहवाग ने कहा कि, 2007 वनडे विश्व कप में भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को नंबर-4 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था लेकिन ये कदम विफल रहा क्योंकि सचिन ने अपने करियर में अधिकतर समय ओपनिंग ही की थी।

वीरेंद्र सहवाग ने एक चैनल से कहा कि, 2007 विश्व कप में हमने दो गलतियां की थीं पहली, जब हम अच्छी तरह से चेज कर रहे थे और लगातार 17 मैच जीत चुके थे, लेकिन जब विश्व कप आया तो हमारे कोच ने कहा कि हमें बल्लेबाजी अभ्यास की जरूरत है। मैंने कहा कि हमें दो मैच जीतने दीजिए और इसके बाद हमारे पास छह मैच होंगे बल्लेबाजी का अभ्यास करने के लिए, लेकिन उन्होंने न कह दिया।

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इसके बाद उन्होंने दूसरी गलती बताते हुए कहा कि, जब सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की सलामी जोड़ी अच्छा कर रही थी तो उसे तोड़ने की क्या जरूरत थी। आपने ये क्यों कहा कि अगर सचिन मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते हैं तो आप कंट्रोल कर सकते हैं। हमारे पास तीन खिलाड़ी पहले से थे कंट्रोल करने के लिए-उसमें राहुल द्रविड़, युवराज सिंह और एमएस धोनी थे। आपको चौथे की जरूरत क्यों थी? सचिन ने नंबर-4 पर बल्लेबाजी की और आपने देखा क्या हुआ। जब टीमें रणनीति बदलती हैं, यहीं वे गलतियां कर देती हैं। जब आपके पास साबित किया हुआ फॉर्मूला है तो इसे बदलने की क्या जरूरत है। यह सबसे अच्छा उदाहरण है।