प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मई 2022 को होने वाले क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज जापान पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी जैसे ही जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचा यहां पर भारतीय समुदायों द्वारा उनका भव्य स्वागत तो हुआ ही साथ ही। साथ ही लोगों ने कहा कि, भारत मां का शेर आज यहां आया है। इसके साथ ही टोक्यो में जमकर जय श्री राम के नारे लगें। इधर ड्रैगन अभी से आगबबूला हुआ पड़ा है। क्वाड सम्मेलन को लेकर चीन ने आपत्ति जताई है।
क्वाड को लेकर चीन की बौखलाहट बढ़ना लाजमी है। क्योंकि, ड्रैगन इन दिनों साउथ चाइना सी में अपनी पैठ मजबूत कर रहे है। दूसरे देशों के क्षेत्रों पर अपना अधिकार बता रहा है। साथ ही सैन्य गतिवीधियां भी तेज कर दिया है। ड्रैगन के बढ़ते कदम को रोकने के लिए क्वाड सम्मेलन का उद्देश्य रहा है। अब ऐसे में ड्रैगन को तो मिर्ची लगेगी ही लगेगी। इस सम्मेलन से पहले ड्रैगन का बयान भी आ गया है। चीन ने कहा है कि, अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का विफल होना तय है क्योंकि, इसे अमेरिका ने उसे (चीन को) काबू में रखने के लिए आगे बढ़ाया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दक्षिणी चीनी शहर गुआंगझाऊ में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हिंद-प्रशांत रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह 'हिंद प्रशांत रणनीति' अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अधिकाधिक सतर्कता एवं चिंता पैदा कर रही है।
24 मई को टोक्यो में होने वाले क्वाड सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान एवं आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री हिस्सा लेंगे। वांग ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र को भू-राजनीतिक मंच के बजाय शांतिपूर्ण विकास की भूमि होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत को किसी ब्लॉक, नाटो या शीत युद्ध में तब्दील करने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी। अमेरिका, जापान, भारत और आस्ट्रेलिया का समूह क्वाड मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत पर बल देता है, जबकि बीजिंग ने इसकी तुलना एशियाई नाटो से की, जिसका उद्देश्य इसके उदय को रोकना था।
बता दें कि, चीन लगभाग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। जबकि ताईवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया एवं वियतनाम उसके कुछ-कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप एवं सैन्य प्रतिष्ठान बनाये हैं। चीन का पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ भी विवाद है। वांग ने कहा कि 'आजादी' एवं 'खुलापन' के नाम पर अमेरिका द्वारा तैयार की गयी हिंद-प्रशांत रणनीति गिरोह बनाने की ओर उन्मुख है। चीन का दावा है कि इस समूह की मंशा चीन के आसपास के माहौल को बदलना और चीन पर काबू रखना तथा एशिया-प्रशांत देशों को अमेरिकी वर्चस्व का मोहरा बनाना है।