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लता मंगेशकर का अपने फैंस के नाम ‘वो’ आखिरी पैगाम! दिल को छू लेंगे शब्द

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स्वर की मल्लिका कही जाने वाली लता मंगेशकर आखिरकार जिंदगी से अपनी जंग हार गईं। लाखों-करोड़ों दिलों की धड़कन लता मंगेशकर का कोरोना की वजह से 92 साल की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर ने ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। वह पिछले 28 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थी। इस दौरान उन्हें कई बार जनरल वार्ड और आईसीयू में रखा गया। हाल में उन्हें आईसीयू से शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन आज सुबह से ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।

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आपको बता दें कि लता मंगेशकर ने 28 सितम्बर 2021 को अपना आखिरी बर्थडे भी सेलिब्रेट नहीं किया था। जन्मदिन न मनाने को लेकर लता मंगेशकर ने कहा था- 'कोरोना महामारी को एक साल से ज्यादा हो गया है। कोरोना वायरस आने के बाद यह मेरा दूसरा जन्मदिन है। ऐसे सबसे बड़ा गिफ्ट यही है कि मेरे परिवार के लोग मेरे साथ हैं। ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने एक साल से ज्यादा समय से अपने पैरंट्स और बच्चों की शक्ल नहीं देखी हैं। ऐसे वक्त में कौन केक और कैंडल के बारे में सोचता है? मैं चाहती हूं कि यह वायरस हमारी जिंदगी से चला जाए। हो सकता है कि यह अब जानलेवा न हो लेकिन इसके बार-बार लौटकर आने से बहुत से लोग डिप्रेशन में चले गए हैं।'

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लता मंगेशकर ने आगे कहा-  'पिछले डेढ़ साल ने हमारी जिंदगियां पूरी तरह बदल दी हैं। आइए, अपने स्वास्थ्य और प्रियजनों को हल्के में न लें। उनके साथ बिताया हर पल कीमती है।' लता मंगेशकर के कुछ सदाबहार गानों की बात करें तो उनमें 'आएगा आनेवाला', 'लग जा गले', 'रंगीला रे', 'तेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा', 'अजीब दास्तां है ये', 'लो आ गई उनकी याद', 'तू जहां जहां चलेगा मेरा साया', 'जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं,  'शीशा हो या दिल हो', 'सत्यम शिवम सुंदरम' जैसे शानदार गानें शामिल हैं। लता मंगेशकर ने भले अपनी सांसें बंद कर ली हों लेकिन उनकी आवाज की मिठास हर धड़कन में हमेशा-हमेशा जिंदा रहेगी।